
Navayug School - yaadein


दर साहब का ख़त श्रीमानजी मिथिलेश कांति जी को
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।
द्वारा- के एन दर, सावन पब्लिक स्कूल, छत्रपुर रोड, नई दिल्ली-110030
10.5.89
प्रिय मिथिलेश जी,
कमला के निधन पर आपके भेजे गए तार से बहुत सांत्वना मिली।ईश्वर ने कमला की प्रार्थना सुनी-वह प्रार्थना में तीन पंक्तियों को भजन के समय कहती थी:-
"ऐसा तो करना भगवन् जब प्राण तन से निकले, गंगा जी का तट हो,सांवरा निकट हो, मुख में तुलसी दल हो
मानो इसी इच्छा की पूर्ति के लिए वह यहाँ से मेरे साथ 16 मार्च को देहरादून गई और वहाँ 24 तारीख को अल्मारी में कपडे जमाते जमाते एकदम झुक गई।छुआ तो ठंढी पडी थी। Nursing home ले गए।डॉ ने कहा कि severe Brain Haemorrhage की वजह से अंत हो गया। चलो अच्छा हुआ-बीमारी और नहीं झेलनी पडी।उनकी आत्मा को शांति मिले। बच्चों और निर्मला को प्यार कहना। लिखना तुम्हारे स्कूल में क्या क्या प्रगति हुई है।
तुम्हारा शुभ चिंतक
– जीवन नाथ दर

