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श्रीदर का अविस्मरणीय योगदान

 

श्रीदर ने विद्यालय को जो अवदान दिया है वह अविस्मरणीय है।संभवतः आने वाली पीढी को यह अनुमान नहीं होगा।विश्वविख्यात गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह विद्यालय में रोगग्रस्त हो गया।उसे यक्ष्मा रोगग्रस्त पाया गया।हम दोनों उसकी चिकित्सा और निदान की समस्या पर विचार कर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उसे घर नहीं जाने दिया जाएगा और विद्यालय में ही व्यवस्था कर उसकी चिकित्सा एवं सुश्रूषा की जाय।फिर उसके पश्चात पटना विश्वविद्यालय में अध्ययन और अमेरिका प्रवास के लिए व्यवस्था आदि में सहायता श्री दर के ही सत्यकार्यों का प्रतिफल रहा है।श्रीदर सदैव चिंतित रहते थे।काश यह प्रतिभा विक्षिप्त होने से बच पाती।समय बडा ही क्रूर होता है। श्रीदर जैसे महान आत्मा प्रयास करते रहे और वक्त अपना शतरंजी चाल चलता रहा।

- श्री अक्षयवटनाथ मिश्रा

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